Entry Fees : Rs. 20/- per Indian Visitor.
Rs. 400/- per Foreigner.
Camera Charges - Rs 100/- per Camera
It is believed in the Bhili community that sources of water presents in a sycamore tree. Animals and birds from far and wide come to this tree for water. They satisfy by eating its fruits along with water. In this picture, a bull strikes a tree with horns in the hope of water and its horn gets stuck in that tree itself because sycamore tree has sticky milk in it.
Artist:-Devi Singh, Thavar Singh
भीली समुदाय में यह मान्यता है कि गूलर के पेड़ में पानी के स्रोत अवश्य होते हैं। पानी के लिए दूर- दूर से पशु-पक्षी और जीव-जन्तु इस पेड़ पर आते हैं। पानी के साथ ही इसके फल खाकर संतुष्ट होते हैं। इस चित्र में एक बैल पानी की आस में पेड़ पर सींग से प्रहार करता है और उसकी सींग उस पेड़ में ही फंस जाती है। गूलर में दूध होता है, जिसमें चिपचिपापन होने से ऐसा होता है।
मुख्य कलाकार- लाड़ो बाई / सहयोगी कलाकार- सुभाष, राकेश, शरद, जंगल सिंह - झाबुआ क्षेत्र